Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता-ओस कि बूंदे -01-Feb-2023

💧💧ओस कि बूंद 💧💧


💦💦💦💦💦💦💦💦

आओ सुनाऊं बूंद कि कहानी
रात में आप के सोने पर जन्मती
सूरज के आगमन पर पाती संजीवनी
भास्कर भाई उसमे भरते रंग

सर्दी कि मैं कहलाती रानी
रात के अंधेरे में चुपचाप होती अवतरित
घास कि हूं मैं शौकिन बहुत
सूरज के साथ करती अठखेलियां

मैं नन्ही परी सुबह करती क्रीडा
फ़सल कि  हूं मैं जीवनदायिनी
चने कि खेती का हूं मैं वरदान
जवां सूरज करता मेरा वरण

बहुत छोटी ऊमर मैं पाती
सूरज के उगते हो जाती समाप्त
शरद ऋतु कि मैं शौकिन
बच्चों कि मैं पसंद साथी-संगी
मैं कोई ओर नहीं, हूं ओस कि बूंदे।

✍️ विजय पोखरणा "यस"
अजमेर

   16
10 Comments

Gunjan Kamal

02-Feb-2023 08:55 AM

बहुत खूब

Reply

VIJAY POKHARNA "यस"

02-Feb-2023 11:07 AM

🙏🙏

Reply

Abhinav ji

02-Feb-2023 08:54 AM

Very nice 👌

Reply

VIJAY POKHARNA "यस"

02-Feb-2023 11:08 AM

🙏🙏

Reply

बहुत खूब

Reply

VIJAY POKHARNA "यस"

02-Feb-2023 11:08 AM

🙏🙏

Reply